Kisko Naman Karu Mein Bharat?

किसको नमन करूँ मैं भारत?
- रामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari Singh Dinkar)

A beautiful poem by Dinkar ji about the spirit of India.

तुझको या तेरे नदीश, गिरि, वन को नमन करूँ, मैं ?
मेरे प्यारे देश ! देह या मन को नमन करूँ मैं ?
किसको नमन करूँ मैं भारत ? किसको नमन करूँ मैं ?

भू के मानचित्र पर अंकित त्रिभुज, यही क्या तू है ?
नर के नभश्चरण की दृढ़ कल्पना नहीं क्या तू है ?
भेदों का ज्ञाता, निगूढ़ताओं का चिर ज्ञानी है
मेरे प्यारे देश ! नहीं तू पत्थर है, पानी है
जड़ताओं में छिपे किसी चेतन को नमन करूँ मैं ?

भारत नहीं स्थान का वाचक, गुण विशेष नर का है
एक देश का नहीं, शील यह भूमंडल भर का है
जहाँ कहीं एकता अखंडित, जहाँ प्रेम का स्वर है
देश-देश में वहाँ खड़ा भारत जीवित भास्कर है
निखिल विश्व को जन्मभूमि-वंदन को नमन करूँ मैं !

खंडित है यह मही शैल से, सरिता से सागर से
पर, जब भी दो हाथ निकल मिलते आ द्वीपांतर से
तब खाई को पाट शून्य में महामोद मचता है
दो द्वीपों के बीच सेतु यह भारत ही रचता है
मंगलमय यह महासेतु-बंधन को नमन करूँ मैं !

दो हृदय के तार जहाँ भी जो जन जोड़ रहे हैं
मित्र-भाव की ओर विश्व की गति को मोड़ रहे हैं
घोल रहे हैं जो जीवन-सरिता में प्रेम-रसायन
खोर रहे हैं देश-देश के बीच मुँदे वातायन
आत्मबंधु कहकर ऐसे जन-जन को नमन करूँ मैं !

उठे जहाँ भी घोष शांति का, भारत, स्वर तेरा है
धर्म-दीप हो जिसके भी कर में वह नर तेरा है
तेरा है वह वीर, सत्य पर जो अड़ने आता है
किसी न्याय के लिए प्राण अर्पित करने जाता है
मानवता के इस ललाट-वंदन को नमन करूँ मैं !

Category: hindi-poems

Comments

  • shafaqat husain quadri
    04 Aug 13
    des bhakti ke sarva sersta kavi dinkar g
  • hahphitle
    06 May 13
    comment_body[und][0][value]
  • Anonymous
    20 Mar 13
    nice poem
  • manisha
    24 May 10
    The poem is very patriotic and I liked it because I prefer patriotic things more than anything else in the hindi
    poetry field.
  • Anand
    05 Feb 12
    evry poem written by him is excellent .....bt i like this one very much....
  • Rakesh
    26 Oct 12
    I have read on poem as a child.. may be written by Ramdhari Singh Dinkar...
    " Chuhe ne kanha chuhiya se chhata aur chhadi do.
    laya to jo bade seth ke ghar se o pagdi do...

    main jata hun Dilli.."

    Pl share if possible
  • Shubham bhardwaj
    04 Jan 13
    Kat do un ko jo badh rhi tumhare taraf hath hai
  • sumit
    28 Dec 09
    yunani mishri ruman sab mit gaye jahan se
    baki bacha av tak namon nishan hamara
    kuch bat hai ki hasti mitti nahi hamari
    sadiyon raha hai dusman daure jaman hamara
  • tanushree
    27 Apr 09
    the poem is very good,meaningful etc...i liked this poem a lot!!!MARVELLOUS
  • Anonymous
    16 Jun 08
    yehi baat hai ki hasti mitati nahin hamari
  • alex
    12 Oct 10
    plz give me poem in hindi and english on common welth games
  • sachin
    07 Jul 08
    yahi baat hai ki hasti mitati nahi humari... ab tak zamin per baaki hai naamonishan humara...