Meri Thakan Utar Jaati Hai
मेरी थकन उतर जाती है
- रामावतार त्यागी (Ram Avtar Tyagi)
हारे थके मुसाफिर के चरणों को धोकर पी लेने से
मैंने अक्सर यह देखा है मेरी थकन उतर जाती है ।
कोई ठोकर लगी अचानक
जब-जब चला सावधानी से
पर बेहोशी में मंजिल तक
जा पहुँचा हूँ आसानी से
रोने वाले के अधरों पर अपनी मुरली धर देने से
मैंने अक्सर यह देखा है, मेरी तृष्णा मर जाती है ।
प्यासे अधरों के बिन परसे,
पुण्य नहीं मिलता पानी को
याचक का आशीष लिये बिन
स्वर्ग नहीं मिलता दानी को
खाली पात्र किसी का अपनी प्यास बुझा कर भर देने से
मैंने अक्सर यह देखा है मेरी गागर भर जाती है ।
लालच दिया मुक्ति का जिसने
वह ईश्वर पूजना नहीं है
बन कर वेदमंत्र-सा मुझको
मंदिर में गूँजना नहीं है
संकटग्रस्त किसी नाविक को निज पतवार थमा देने से
मैंने अक्सर यह देखा है मेरी नौका तर जाती है ।
hum pathak hain ya kavita hain, man ekakar sa ho jata hai.
"bahut sundar"
by
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asmaan ke taro ko chuutte kavi..ravi tak pahoch rakhte ye kavi..atma ki pyaas bhujate ye kavi..man ke swaro ko sajate ye kavi..
Actually i didn't read it but thought that if there are so many good comments , i would also write one
So good keep it up what ever that is you are doing
keep it up..
आपकी मेह्नत और हिन्दी मे प्रभुत्व दोनो ही प्रशन्सा के पात्र है. मेरी शुभकामनाए .
क्या आपने "खन्डहर " कविता पढी है? कुछ इस तरह है- मै सन्नाटा हू फिर भी बोल रह हू..................मै ये कवीत ढून्ड रही हू.
Kya aap CBSC se padhi hai? maff kijiyega per ye sawal thoda ajeeb lagega aapko par thik lage to jawab zaroor dijiyega.
Dhanyawad.
Uday.
jeena to unka sarthak
jo raah dikha duniya ko
jal jate hai roshni ko
man ko shanti
atma ko sakoon
tab kar thakan ho jaati hai door.
meri bhi thakan utar jati hai,matra in panktiyo ko padh lene se.
apke ye shabd atulya hai..
yahi ek sachche jivan ka sar hai varna apne liye to sabhi ji rahe hai is duniya me..
apne liye jiye to kya jiye..jivan to bilkul aisa ho jaisa apke shabdo se prateet ho raha hai,
thanyavad sir
maine aksar dekha hai mere shabd kho jate hain....great lines