Tum Mujhme Priye, Phir Parichay Kya
तुम मुझमें प्रिय! फिर परिचय क्या
- महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma)
तुम मुझमें प्रिय! फिर परिचय क्या
तारक में छवि, प्राणों में स्मृति
पलकों में नीरव पद की गति
लघु उर में पुलकों की संसृति
भर लाई हूँ तेरी चंचल
और करूँ जग में संचय क्या!
तेरा मुख सहास अरुणोदय
परछाई रजनी विषादमय
वह जागृति वह नींद स्वप्नमय
खेलखेल थकथक सोने दे
मैं समझूँगी सृष्टि प्रलय क्या!
तेरा अधर विचुंबित प्याला
तेरी ही स्मित मिश्रित हाला,
तेरा ही मानस मधुशाला
फिर पूछूँ क्या मेरे साकी
देते हो मधुमय विषमय क्या!
रोमरोम में नंदन पुलकित
साँससाँस में जीवन शतशत
स्वप्न स्वप्न में विश्व अपरिचित
मुझमें नित बनते मिटते प्रिय
स्वर्ग मुझे क्या निष्क्रिय लय क्या!
हारूँ तो खोऊँ अपनापन
पाऊँ प्रियतम में निर्वासन
जीत बनूँ तेरा ही बंधन
भर लाऊँ सीपी में सागर
प्रिय मेरी अब हार विजय क्या!
चित्रित तू मैं हूँ रेखाक्रम
मधुर राग तू मैं स्वर संगम
तू असीम मैं सीमा का भ्रम
काया छाया में रहस्यमय
प्रेयसि प्रियतम का अभिनय क्या!
तुम मुझमें प्रिय! फिर परिचय क्या
Category: hindi-poemsComments
-
04 Feb 13touch full poems
-
19 Sep 12mahadevi varma ka janm hi un rachnaon k liye hua h jo jivan ka muul mantrr hain or yeh rachna silpi ki vah kala h jise tarasane me sadiyan beet jaya krti hain.
-
11 Jan 12can any1 tell me the meaning of d poem stanza by stanza in english.......... ??? pls..... i need help !
-
24 Jul 11mere jubaan mein koi shabd hi nahi hai .........just hat's off.......
-
15 May 11mahadevi varma chhayavad ke char sthambh main se hai . kisi kalpnic priye se milne ki aakul abhilasa unke mann me tivrta se obharti hai.ye bat is kavita main achchhe se samjh aati hai.
-
24 Jul 11bahut hindi jhad liya tune ab fut yaha se....hindibhashi kahi ki...............
-
24 Feb 11मुझे ये कविताँ बहुत ही अच्छी लगीँ..
-
31 Jan 11jane kitani jindgio ki dastan he ye
-
27 Oct 10bahut hi nirman kavita hai.....antim pankti me to prem ka poora saar hi nichod diya.
-
14 Jul 10beautifully written................................ very nice