Pushp Ki Abhilasha

पुष्प की अभिलाषा
- माखनलाल चतुर्वेदी (Makhanlal Chaturvedi)

चाह नहीं मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ

चाह नहीं, प्रेमी-माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ

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Ek Aashirvaad

एक आशीर्वाद
- दुष्यन्त कुमार (Dushyant Kumar)

जा तेरे स्वप्न बड़े हों।
भावना की गोद से उतर कर
जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें।
चाँद तारों सी अप्राप्य ऊचाँइयों के लिये
रूठना मचलना सीखें।
हँसें
मुस्कुराऐं
गाऐं।

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Aaj Phir Shuru Hua Jeevan

आज फिर शुरू हुआ जीवन
- रघुवीर सहाय

आज फिर शुरू हुआ जीवन
आज मैंने एक छोटी-सी सरल-सी कविता पढ़ी
आज मैंने सूरज को डूबते देर तक देखा

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तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

  • शिवमंगल सिंह सुमन (Shiv Mangal Singh Suman)

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

आज सिन्धु ने विष उगला है
लहरों का यौवन मचला है
आज ह्रदय में और सिन्धु में
साथ उठा है ज्वार

तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार

लहरों के स्वर में कुछ बोलो
इस अंधड में साहस तोलो
कभी-कभी मिलता जीवन में
तूफानों का प्यार

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Tumhare Saath Rehkar

तुम्हारे साथ रहकर
- सर्वेश्वरदयाल सक्सेना (Sarveshwar Dayal Saxena)

तुम्हारे साथ रहकर
अक्सर मुझे ऐसा महसूस हुआ है
कि दिशाएँ पास आ गयी हैं,
हर रास्ता छोटा हो गया है,
दुनिया सिमटकर
एक आँगन-सी बन गयी है
जो खचाखच भरा है,
कहीं भी एकान्त नहीं
न बाहर, न भीतर।

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Koshish Karne Walon Ki

कोशिश करने वालों की
- सोहन लाल द्विवेदी (Sohan Lal Dwivedi)

Few people think that it is from सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" or हरिवंशराय बच्चन (Harivansh Rai Bachchan). But it has been clarified directly by Amitabh Bachchan ji in following msg on facebook - https://www.facebook.com/AmitabhBachchan/posts/1153934214640366)

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

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Leek Par Woh Chale

लीक पर वे चलें जिनके..
- सर्वेश्वरदयाल सक्सेना (Sarveshwar Dayal Saxena)

लीक पर वे चलें जिनके
चरण दुर्बल और हारे हैं
हमें तो जो हमारी यात्रा से बने
ऐसे अनिर्मित पन्थ प्यारे हैं

साक्षी हों राह रोके खड़े
पीले बाँस के झुरमुट
कि उनमें गा रही है जो हवा
उसी से लिपटे हुए सपने हमारे हैं

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Reading and Writing in Hindi on Ubuntu Linux

Now-a-days most linux distributions support reading and writing in any unicode language easily. Following are the instructions for enabling hindi support in Ubuntu (it's based on Ubuntu Edgy, but I think it's same for Dapper).

Reading Hindi Websites

By default, Firefox will show unicode hindi font based websites, but font is all garbled - especially 'choti e ki matra' is rendered incorrectly...

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Mein Badha Hi Jaa Raha Hoon

मैं बढ़ा ही जा रहा हूँ
- शिवमंगल सिंह सुमन (Shiv Mangal Singh Suman)

मैं बढ़ा ही जा रहा हूँ, पर तुम्हें भूला नहीं हूँ ।

चल रहा हूँ, क्योंकि चलने से थकावट दूर होती
जल रहा हूँ क्योंकि जलने से तमिस्त्रा चूर होती
गल रहा हूँ क्योंकि हल्का बोझ हो जाता हृदय का
ढल रहा हूँ क्योंकि ढलकर साथ पा जाता समय का ।

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Nur Ho Na Nirash Karo Man Ko

नर हो न निराश करो मन को
- मैथिलीशरण गुप्त (Maithili Sharan Gupt)

नर हो न निराश करो मन को
कुछ काम करो कुछ काम करो
जग में रहके निज नाम करो
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो
समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो
कुछ तो उपयुक्त करो तन को
नर हो न निराश करो मन को ।

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